Pyar Mein Dhokha | Hindi shayari Sangrah | Love shayari | Hindi mein shayari likha hua
ख्वाब मेरा लूटकर साथ अपने ले गया मीठी बातों झूठे वादों में जख्म दिल पर दे गया बड़ी सादगी से वफा करती रही हद से ज्यादा विश्वास करने लगी थी मगर वह बेदर्दी से विश्वासघात कर गया
मुझे हकीकत के अच्छे सपने दिखाकर धोखा दिया है अपनी मासूमियत पर गुस्सा आने लगा है उसके बहरूपिया चेहरे को पहचानने में कैसे भूल हो गई आजकल नम आंखें खुद ही से सवाल-जवाब करने लगी है
जब प्यार में धोखा मिलता है आंखें नम दिल पर गहरी चोट लगती है कुछ अपनी वफा याद आती है कुछ उसकी बेवफाई के किस्से जिंदा ही मार डालने का प्रयास करने लगती है
जो दिल तोड़कर निकले हो खुदा करे तुम्हें कोई और न मिले जैसे तिल तिल में तड़प रही हूं ऐसा ही दर्द तुम्हें उम्र भर मिलता रहे
उम्र भर साथ देने के वादे कहां खो गए मुझे यकीन नहीं हो रहा है तुम क्या थे और क्या हो गए जिस हुस्न की तारीफ हर पल कर रहे थे आखिर तुम्हें अब क्या हो गया है
हर किसी से भरोसा उठ गया है बड़ा बेरहम है सच्ची मोहब्बत के बदले धोखा दिया है दर्द छुपाना मुश्किल हो गया है घुटन भरी जिंदगी जीने को मजबूर हूं
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